दिल को कुछ दर्द भी देना जरूरी है,
जहर इस जीस्त(ज़िन्दगी) का पीना जरूरी है।।
थोड़ा दूसरों के काम आ सके हम,
कुछ ऐसा भी तो करना जरूरी है।।
ये महफ़िल समझ ना पाए आपकी बातों को,
खुद को थोड़ा मासूम बनाना भी जरूरी है।।
कोई भी नही सुनता हमारी दिल की बातों को,
लगता है अब दर्द को दबा देना ही जरूरी है।।
नींद को पलकों पे रख लो आप सब,
हमारे लिए आंखों में ख्वाबों को जीना जरूरी है।।
सोचते हैं अब याद ना किया जाये उसको,
उसे भी दो घड़ी चैन से रहने देना जरूरी है।।
दुनियां के डर से हमेशा चलते रहे भीड़ वाली राहों पर,
अब मंजिल के लिए खुद में भीड़ बनाना जरूरी है।।
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