सुनो ना, लौट आओ ना,
फिर से वही ढलता सूरज,
वही शाम दोस्तों के साथ,
करनी है मुझको तुमसे ढेर सारी बात,
लौट आओ ना।
वो क्लास बंक कर फिर से घूमना है,
तुम्हारे साइकिल पर तुम्हारे साथ,
फिर से इंतजार करना है तुम्हारे गली में,
वो माई मंदिर के पास,
लौट आओ ना।
रात भर जगना है तुम्हारे ख्यालों में,
मोबाइल पर करनी है बाकी सारी बात,
फिर से तुम रूठना बिना बातों के,
मनायेंगे हम सारी रात,
लौट आओ ना।
फिर से आऊँगा दिन के धूप में,
पसीने देख डांटना,और हल्की मुस्कान से दुपट्टा बढा देना,
फिर से रखना है तुम्हारे गोद में सर,
अपने जुल्फों से छुपा देना,
सुनो ना , लौट आओ ना।
तुम...