हमने दुनिया को दिखलाया हर क्षेत्र संग्राम है,
हमने ही सिखलाया सबको पैर छूना प्रणाम है,
आज तो दुनिया की हर मजबूरी, मजबूरी से हारी हैं,
गर्व है हमको उस मिट्टी पर, जिसे कहते लोग बिहारी हैं।
बदल रही सारी व्यथाएँ, व्यवहार नहीं हम बदले हैं,
नई पीढी बदल रही है, पर संस्कार नहीं हम बदले हैं।
भूल गए सब लगता है गुरु गोविंद का जन्म स्थान,
लगता है सब भूल गए हैं वीर कुंवर का बलिदान।
बिहारी को गाली कहने वाले अपना ईमान भूल जाते हैं,
इतिहास के पन्नों पर चन्द्रगुप्त मौर्य का सम्मान भूल जाते हैं,
भूल जाते हैं सब अपनी खुद की मान मर्यादा,
वो तो नालंदा और विक्रमशिला का ज्ञान भूल जाते हैं।
गौतम बुद्ध के जन्म स्थान बिहार भूल जाते हैं,
दुनिया में बौद्ध धर्म का प्रचार भूल जाते हैं,
बिहार की धरती को सब हर बार भूल जाते हैं,
आर्यभट्ट के "शून्य" का उपहार भूल जाते हैं।
बिहारी को गाली कहने वाले हमारे भाईचारे का प्यार भूल जाते हैं,
लगता है हमारे छठ पर्व का त्योहार भूल जाते हैं,
लगता है सब भूल जाते हैं हमारे लिट्टी-चोखा का स्वाद,
भूल जाते हैं देश के पहले राष्ट्रपति भी बिहारी थे राजेंद्र प्रसाद।
गर्व है हमें उस धरा पर,
जो जहरीले मौसम को नम बना देते हैं,
गर्व है खुद का बिहारी होने पर,
जो मैं को भी हम बना देते हैं।
हमने ही सिखलाया सबको पैर छूना प्रणाम है,
आज तो दुनिया की हर मजबूरी, मजबूरी से हारी हैं,
गर्व है हमको उस मिट्टी पर, जिसे कहते लोग बिहारी हैं।
बदल रही सारी व्यथाएँ, व्यवहार नहीं हम बदले हैं,
नई पीढी बदल रही है, पर संस्कार नहीं हम बदले हैं।
भूल गए सब लगता है गुरु गोविंद का जन्म स्थान,
लगता है सब भूल गए हैं वीर कुंवर का बलिदान।
बिहारी को गाली कहने वाले अपना ईमान भूल जाते हैं,
इतिहास के पन्नों पर चन्द्रगुप्त मौर्य का सम्मान भूल जाते हैं,
भूल जाते हैं सब अपनी खुद की मान मर्यादा,
वो तो नालंदा और विक्रमशिला का ज्ञान भूल जाते हैं।
गौतम बुद्ध के जन्म स्थान बिहार भूल जाते हैं,
दुनिया में बौद्ध धर्म का प्रचार भूल जाते हैं,
बिहार की धरती को सब हर बार भूल जाते हैं,
आर्यभट्ट के "शून्य" का उपहार भूल जाते हैं।
बिहारी को गाली कहने वाले हमारे भाईचारे का प्यार भूल जाते हैं,
लगता है हमारे छठ पर्व का त्योहार भूल जाते हैं,
लगता है सब भूल जाते हैं हमारे लिट्टी-चोखा का स्वाद,
भूल जाते हैं देश के पहले राष्ट्रपति भी बिहारी थे राजेंद्र प्रसाद।
गर्व है हमें उस धरा पर,
जो जहरीले मौसम को नम बना देते हैं,
गर्व है खुद का बिहारी होने पर,
जो मैं को भी हम बना देते हैं।
0 comments:
Post a Comment