Dil Ki Sun

मेरे साथ बिताये लम्हे के हर पल को संजोग के रखना ऐ मेरे दोस्त क्योकि हम याद तो तुम्हे बहुत आयेंगे पर लौट के नहीं । Love U NESARK

Saturday 5 June 2021

चले जायेंगे एक दिन सबको छोड़कर

अभी हमारा होना और बात करना इर्रिटेट करता है न, एक वक्त आएगा जब हम न होंगे, सिर्फ तुम्हारी महफ़िल में ही नहीं, इस दुनिया में ही न होंगे।
हम अपने अस्तित्व को ही खत्म कर देंगे, मिटा देंगे बिल्कुल ही जैसे कुछ था ही नहीं....!
उस वक्त तुमसे बात न करता तुम्हें ही और ज्यादा इर्रिटेट करेगा...!!!
तब लौट कर आने के लिए हम किसी सफर को नहीं होंगे....!!!
हमेशा के लिए सबको छोड़ देंगे, बिल्कुल ही खामोश हो जाएंगे, जहाँ तक तुम्हारी क्या किसी की भी आवाज़ न जाएगी...!!!
चले जायेंगे एक दिन सबको तन्हा छोड़कर
                           ~ मतवाला-जी


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Saturday 29 May 2021

मत आना लौट के , जरूरत नही है

हमारे खुशी,गम पर दुनियां की हुकूमत नही है,

जाओ हमे तुमसे मोहब्बत नही है।


कुछ लोग आजकल हमे दगाबाज़ कहता है,

ये बात उनपर सटीक है,हम पे ये हकीकत नही है।।


लंबी-लंबी बातें से तो खामोशी बेहतर है,

सच में हमे तुमसे कोई शिकायत नहीं है।।


महफिलों में हम लब्ज़ों में बिकने लगे हैं,

हैं थोड़ा मजबूर लेकिन कुछ जरूरत नही है।।


कई ख्वाब नज़रों के तहखाने में जमे हैं,

किसी की अब तक कोई हिफाजत नही है।।


आजकल संभालने लगे हैं, खुद को खुद के सहारे,

हमें अब बिल्कुल तुम्हारी जरूरत नही है।।


हां हम मुसाफिर हैं अकेले, अपने मंजिल के,

लौट के मत आना, तुम्हे इजाजत नहीं है।।


वो वक़्त और था, जब तुम ही दुनिया, तुम ही खुदा थे,

अब हमें तुमसे कोई इबादत नही है।।


अपने मंजिल के हर सफर में हम तुम्हे ही ढूंढे,

आजकल हम इतने भी बेगैरत तो नही हैं।।


शोर-शराबे के महफ़िल से खामोशी अच्छी है,

अब तो ख्वाबो में भी तेरी चाहत नही है।।


अगर कभी दिल भी कहे लौटने को, मन से बदल देना,

क्योंकि अब हमें तुम्हारी बिल्कुल जरूरत नहीं है।।


जाओ देखो अपने आशियाने दुनिया की महफिल में,

मुझमे डूबने की तुम्हे इजाजत नही है।।


मत आना लौट के तुम,

अब तुम्हारी कोई जरुरत नहीं है।।



दिल को कुछ दर्द भी देना जरूरी है

 दिल को कुछ दर्द भी देना जरूरी है,

जहर इस जीस्त(ज़िन्दगी) का पीना जरूरी है।।


थोड़ा दूसरों के काम आ सके हम,

कुछ ऐसा भी तो करना जरूरी है।।


ये महफ़िल समझ ना पाए आपकी बातों को,

खुद को थोड़ा मासूम बनाना भी जरूरी है।।


कोई भी नही सुनता हमारी दिल की बातों को,

लगता है अब दर्द को दबा देना ही जरूरी है।।


नींद को पलकों पे रख लो आप सब,

हमारे लिए आंखों में ख्वाबों को जीना जरूरी है।।


सोचते हैं अब याद ना किया जाये उसको,

उसे भी दो घड़ी चैन से रहने देना जरूरी है।।


दुनियां के डर से हमेशा चलते रहे भीड़ वाली राहों पर,

अब मंजिल के लिए खुद में भीड़ बनाना जरूरी है।।  

महाकाल

 


रंग भेद रूप ताल,

त्रिशूल है करे कमाल,

जग कर रहा बखां,

जय-जय महाकाल,

जय-जय महाकाल।।


काल के हैं वो काल,

अकाल मौत को टालते,

मृत्युंजय हैं वो महाकाल,

जय जय महाकाल।।


आता तेरे द्वार जो,

होता है वो मालामाल,

बाबा अपने ठाट से,

करते हैं कितने कमाल,

जय-जय महाकाल,

जय-जय महाकाल।। 


आदि-अविनाशी तुम,

रूप अद्भुत है विकराल,

गंगा जटाधारी तुम,

चंद्रमा शोभे तेरे भाल,

जय-जय महाकाल,

जय-जय महाकाल।।


भूतों के तुम नाथ हो,

शोभे गले मे मुण्डमाल,

भांग पीकर बने मतवाले,

गले नाग की है माल,

जय-जय महाकाल,

जय-जय महाकाल।।

             

मेरे छत पे तिरंगा रहने दो

 लाल हरे में मत बांटों 

मेरे छत पे तिरंगा रहने दो,

फ़र्ज़ी राष्ट्रवादी खेल रहे हैं,

देश के हर विचारों से,

खुद तो वो सब नंगे हैं

उसको नंगा ही रहने दो,


इतने सब हैं भ्रष्टाचारी,

उनको बस है दौलत प्यारी,

कुर्सी के खातिर वो, 

बहु बेटी को न छोड़ेंगे,

जिससे उनकी कुर्सी है बचती,

उनसे ही रिश्ता जोड़ेंगे,

अपने ही जुमलों पर हरदम,

उनको शर्मिंदा रहने दो,

खुद तो वो सब नंगे हैं

उनको नंगा ही रहने दो,


कहते हैं हम खत्म करेंगे,

देश के भ्रष्टाचार को,

लूट मार से बचाएंगे हम,

भारत के घर-बार को,

खुद ही साले लूट रहे हैं,

भारत माँ के दरबार को,

खुद को साफ दिखाने को वो,

खरीद लेते पत्रकार को,

वोट लेकर है सब शर्मिंदा,

सबको शर्मिंदा रहने दो,

खुद तो वो सब नंगे हैं

उनको नंगा ही रहने दो,


हिन्दू मुस्लिम में करवाकर दंगा,

कहते हैं दंगा रहने दो,

खुद सब साले नंगे हैं,

उनको नंगा ही रहने दो,

खुद तो वो सब नंगे हैं

उनको नंगा ही रहने दो। 

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